ErAnjaniSharmaAnjani's Blog
रविवार, 15 अप्रैल 2018
jain saheb...
बोली में मिठास
नजर आता था
जिसमें हास-परिहास
बहुत नेक था विचार
छोटे-बड़े से करते थे
एक जैसा व्यवहार
अंग के लाल
जिनको था अंग से प्यार
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें