रविवार, 30 अक्तूबर 2011

paryavaran doha

सुनामी ने हिला दिया, पूरा ही  जापान 
लटका, अटका रह गया, छतो पर विमान 
पानी में बह  गए, गाड़ी , लारी , कार
जल के अंदर रह गए, कितने ही घर-बार 
बिजली- पानी की मची, बेहद  हाहाकार 
सुनामी ने सचमुच ही, क़र दी बंटाधार 
हिरोशिमा में  अभी भी, भोग रहे सब  दंश 
बम गिराक़र अमरीका, नाश दिया कुल वंश 
काया पर्यावरण की, लगने लगी विराट
इसकी अब हर देश में, चलती रहती  हाट
थाइलैंड में इस तरह, चला बाढ़ का खेल 
घर से लेकर सड़क तक, हुआ सभी बेमेल 
पानी-पानी हो गया, जब पूरा बैंकॉक 
मिटा दिया कुछ शहर की, बची खुची सब साख 
ज्वालामुखी के धुएं से, भर गया आसमान 
अमरीका की सैकडों,ठप हो गयी उड़ान
आता रहता  भूकंप, नियमित ही हर साल 
तिर्की,सिक्किम का किया, बद से बदतर हाल
बिहार की कोसी नदी, है जैसे अभिशाप 
लोग वहां के आज भी, करते सदा विलाप 
कचरों का गिरना जहाँ , नहीं हो रही बंद 
गंगा वचाव में मरे, तट पर निगमानंद 
सुरसा से बढ.कर हुआ, पर्यावरण का रूप
असरदार अब हो गए, जल, वायु और धूप
जब तक सागर रहेगा, अंजनी मिहरवान 
मालदीव कुछ दिनों का, रहेगा मेहमान 
दुश्मन पर्यावरण के, बने पर्व-त्योहार
करते बम पटाखे से, खुशियों को साकार 
                      अंजनी कुमार शर्मा
सियारामनगर, भीखनपुर , भागलपुर -८१२००१(बिहार) 
        



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