अंगिका लोक की पत्रिका आज आई है जो प्रसिद्ध साहित्यकार गोपाल राय पर केंद्रित है।
मंगलवार, 29 मार्च 2016
सोमवार, 28 मार्च 2016
शनिवार, 26 मार्च 2016
मुखिया जी होय गेले घोषणा
शुरू करी दहो लोगो के बोसना
चले दहो धुडछट मुर्गा
मतदाता ही छीके असली दुर्गा
पिये ले मार करे लागले दारु
सुखना, दुखना आरो कारू
आवे एक अप्रैल से कही नै मिलथों बोतल
देखी ले कहीं होटल
होते निक्को खानपान
तबे होते गुणगान
एकाध कुटिया हमरो चखैहियो
खाली सुनैहियो नै ढकार
पिछला घोषणा नै होलो छै साकार
हम्मे की सबने देथों लताड़
उठेलो नी दुमहला मकान
दस-बीस कोठरी बनैले नी राखे लेली समान
पहलो पारी में ऐले सफारी
दोसरो पाली में ऐवे करते गाड़ी
तीसरा पाली में जहाज
खाली बनेने नी रखो सबके मिजाज
आवे भे गेले घोषणा
शुरू करी दहो बोसना।
शुरू करी दहो लोगो के बोसना
चले दहो धुडछट मुर्गा
मतदाता ही छीके असली दुर्गा
पिये ले मार करे लागले दारु
सुखना, दुखना आरो कारू
आवे एक अप्रैल से कही नै मिलथों बोतल
देखी ले कहीं होटल
होते निक्को खानपान
तबे होते गुणगान
एकाध कुटिया हमरो चखैहियो
खाली सुनैहियो नै ढकार
पिछला घोषणा नै होलो छै साकार
हम्मे की सबने देथों लताड़
उठेलो नी दुमहला मकान
दस-बीस कोठरी बनैले नी राखे लेली समान
पहलो पारी में ऐले सफारी
दोसरो पाली में ऐवे करते गाड़ी
तीसरा पाली में जहाज
खाली बनेने नी रखो सबके मिजाज
आवे भे गेले घोषणा
शुरू करी दहो बोसना।
शुक्रवार, 25 मार्च 2016
जुगाड़ गाड़ी अरु बोलबम
हम्मे छिकए जुगाड़ गाड़ीतोरे लेली सड़को पे छिये खाड़ी
धिया-पूता समेत जोंअजगैबी में रखने छो कदम
आवो! आवो! हो बम
रौदी-फौदी के नै करो गमजोगी-जोगी के रक्खो दम
रस्ता में देथोन काम
नै ते देभो पेटकुनिया पारीकांवर भी लगे लगथॉन भारी
हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
डरै के की बात छै
बिहार आवे थोड़े छै बदनाम
श्रावणी माह में यहे धरतीबनी जाय छै नेपाल,बंगाल,आसाम
चढलो रहे छै हर जगह हंडीआवे छै बसो में ठूसि केझारखंडी
बनी के लाट, ठाट-बाट सेंचलो जुगाड़ गाड़ी से घाट
लचकौवा कांवर खरीदी लेरस्ता में मिलथों हाटे हाट
पैसे हसोते में त रहै छै सबव्यापारीहम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
फांकने जा रस्ता में घुघनी-चाट
गंगा में डुबकी लगैथेठंडा होय जेथों ललाट
फुर्र होय जैथों थकानबोलबम करने पहुंची जा बाबा केदलान
चलवे करते रस्ता में भांग के गोलापार त लगैते तोरा भोला
गेडुवे वस्त्रों में झलके सब नर-नारीहम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
देखे की छो टुकुर टुकुर
सुरुजभगवान बरसाय रहलो छै आग
चि ल्का के मुहो से टपके छै झाग
बैठो दिल चापी के दिमाग नापी के
कोय नै लेने छै केकरो करम थूकी दहो सबठो शरम
पालथी मारी बैठो या चुकुमुकू या दहो टांग पसारी
हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
जुगाड़ माने जुगाड़ यहाँ कहीं न मिलथोंसुखाड़
बाबा नगरी में केना करवे चीट पकड़ी ले झटपट सीट
नै मिलथों टैम्पू नै बस निकली जैंथों घाट जाय में कस
एकरो सिवा कुछ नै छै चारा यहे छै एकमात्र सहारा
पहुँचैभों सबके पारा पारी हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
श्रावणी मेला में हरतरफ होय छै लूट
लेकिन बम सेवा लेली हमरा मिललो छै छूट
नै कोनो नंबर नै कोनो कर
सीना तानी के दौड़े छिये थाना आरो सदर
खेत खलिहान ,चौक चौराहा जन्ने तन्ने लगाय दैछिये
नै करै छिये कोनो पहरेदारी हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी ।
हम्मे छिकए जुगाड़ गाड़ीतोरे लेली सड़को पे छिये खाड़ी
धिया-पूता समेत जोंअजगैबी में रखने छो कदम
आवो! आवो! हो बम
रौदी-फौदी के नै करो गमजोगी-जोगी के रक्खो दम
रस्ता में देथोन काम
नै ते देभो पेटकुनिया पारीकांवर भी लगे लगथॉन भारी
हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
डरै के की बात छै
बिहार आवे थोड़े छै बदनाम
श्रावणी माह में यहे धरतीबनी जाय छै नेपाल,बंगाल,आसाम
चढलो रहे छै हर जगह हंडीआवे छै बसो में ठूसि केझारखंडी
बनी के लाट, ठाट-बाट सेंचलो जुगाड़ गाड़ी से घाट
लचकौवा कांवर खरीदी लेरस्ता में मिलथों हाटे हाट
पैसे हसोते में त रहै छै सबव्यापारीहम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
फांकने जा रस्ता में घुघनी-चाट
गंगा में डुबकी लगैथेठंडा होय जेथों ललाट
फुर्र होय जैथों थकानबोलबम करने पहुंची जा बाबा केदलान
चलवे करते रस्ता में भांग के गोलापार त लगैते तोरा भोला
गेडुवे वस्त्रों में झलके सब नर-नारीहम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
देखे की छो टुकुर टुकुर
सुरुजभगवान बरसाय रहलो छै आग
चि ल्का के मुहो से टपके छै झाग
बैठो दिल चापी के दिमाग नापी के
कोय नै लेने छै केकरो करम थूकी दहो सबठो शरम
पालथी मारी बैठो या चुकुमुकू या दहो टांग पसारी
हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
जुगाड़ माने जुगाड़ यहाँ कहीं न मिलथोंसुखाड़
बाबा नगरी में केना करवे चीट पकड़ी ले झटपट सीट
नै मिलथों टैम्पू नै बस निकली जैंथों घाट जाय में कस
एकरो सिवा कुछ नै छै चारा यहे छै एकमात्र सहारा
पहुँचैभों सबके पारा पारी हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
श्रावणी मेला में हरतरफ होय छै लूट
लेकिन बम सेवा लेली हमरा मिललो छै छूट
नै कोनो नंबर नै कोनो कर
सीना तानी के दौड़े छिये थाना आरो सदर
खेत खलिहान ,चौक चौराहा जन्ने तन्ने लगाय दैछिये
नै करै छिये कोनो पहरेदारी हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी ।
बुधवार, 23 मार्च 2016
जय अंग जय अंगिका -----बिहार में शराब बंदी पर मुख्यमंत्री नितीश कुमार के रवैया एकदम साफ छै। पियै वाला के थोड़ो नाख़ुशी छै की ऐते दिन जेकरा सें दोस्ती रहै, बज्जर कानून अचानक आवि के धोंस दिखावे लगलै।देशी त बंद होवे करते अगला साल से अंग्रेजी शराब पर भी आफत। जहरीली शराब सें अगर मौत होय जयते त फाँसी के सजा के भी प्रावधान छै। कथी ल तबे शराब पीवो कुत्ता काटने छै। नितीश त बिहार के उत्थान लेली ही करी रहलो छै। पीवी के सड़कों पे नंगा नाच करभो , पत्नी के मारभो, घर बर्वाद करभो त बिहार केना आगू बढ़ते? ये लेली संभली जा शराब के मानो ख़राब, तोय पीभो बेटा पिथो फेरु पोत यानि जिनगी भर कलह ही कलह , शराब बंदी ही करथों सुलह। तीन दोहा पे गौर करो -----
1 ) जे पोता के रात-दिन, बाबा करे बड़ाय,
पोता बोतल खाट से, झट लेलके चुराय।
2 )पीवी-पीवी करे छै, जे सड़को पे नाच,
एक अप्रेल से सरपट, करते कहाँ कुलांच।
3 )रातो-दिन पीये लत, जेकरो छै ख़राब,
वोकरा देखी-देखीं, हँसते खूब शराब।
अo अंजनी कुमार शर्मा , ब्लॉक रोड सुल्तानगंज, भागलपुर -813213 , मो 0 7549599367
1 ) जे पोता के रात-दिन, बाबा करे बड़ाय,
पोता बोतल खाट से, झट लेलके चुराय।
2 )पीवी-पीवी करे छै, जे सड़को पे नाच,
एक अप्रेल से सरपट, करते कहाँ कुलांच।
3 )रातो-दिन पीये लत, जेकरो छै ख़राब,
वोकरा देखी-देखीं, हँसते खूब शराब।
अo अंजनी कुमार शर्मा , ब्लॉक रोड सुल्तानगंज, भागलपुर -813213 , मो 0 7549599367
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