शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

ab hindi hai desh ki---------------

अब हिंदी है देश की,बिंदिया के समान
यह आन,बान,शान है, और सबों की  प्राण
और सबों की प्राण, किनको नहीं है यारी
यह पूरे विश्व की, बन बैठी है दुलारी
इसके साथ मिलकर, भेदभाव अब मिटाओ
देश का  हर बच्चा, मिलकर इसे अपनाओ      

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