बुधवार, 12 सितंबर 2012

bijli ke liye-----------

बिजली के लिए प्रायः, होती है हड़ताल
रात दिन पास रहे, रहता यही मलाल
रहता यही मलाल, बिजली है भी बबाली
थेथर हो गई यह, सुनती है रोज गाली
प्रदर्शन,तोड़-फोड़,का यह जनक कहलाती
घुंघट उठाकर ही, कभी कभार फुसलाती  

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