पटना से निकलने वाली यह 'तृणगंधा' पत्रिका का अंक -13 अप्रैल -मई 2013 है, जो पटना से निकलती है l इसके संपादक देवकीनन्दन शुक्ल हैं l इस अंक में आलेख, ललित निबंध, संस्मरण, लघुकथा, दोहे आदि स्तरीय है जो पाठकों को बांधने में संक्षम है l संपादकीय में साहित्य में फैले भ्रष्टाचार पर करारा चोट किया गया है l प्रथम पृष्ट पर ही मेरी लघुकथा छापकर संपादक ने श्रेष्ठ पत्रिका होने का परिचय दिया है l इसके अलावे पृष्ठ 10 पर आलेख 'निराला के काव्य में राष्ट्रीय उद्बोधन' पठनीय और ज्ञानबर्धक है। पृष्ठ 38 पर डॉ राजेंद्र पंजियार के दोहे भी अच्छे हैं। कवर पृष्ट के फोटो पर्यावरण को बढ़ावा देने वाले लगे। यह फोटो हाल ही संपादक के यूरोप भ्रमण के दौरान लिए गए हैं।
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