आजकल प्रचार में अपशब्द और दूसरे पर लान्छन लगाना नेताओ द्वारा आप बात हो गई है। आप क्या करेंगे, यह नहीं बोला जाता है? देश में मंहगाई , भ्रष्टाचार, आतंकी हमला , बेरोजगारी चरम पर है। यह किसी को चिंता नहीं है सिर्फ स्वार्थ में लिप्त होकर अपनी डफली अपना राग का आलाप लगा रहे है। यही नहीं लोगों को भ्रमित कर अफवाह फैलाया जाता है , जैसे अभी हुआ नमक के बारे में। कुछ दिन पहले गणेश जी को दूध पिलाने की भी अफवाह फैलाई गई थी। लेकिन अफवाह फ़ैलाने वालों से ज्यादा यहाँ कि जनता दोषी है। कोंग्रेस तो भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है लेकिन भाजपा भी कम नहीं है। शिवसेना से गठजोड़ है जिसका जो बिहारियों को हेय दृष्टि से देखता है और तो और मुम्बई से बिहारियों को खदेड़ा जाता है। मैथिलि को अष्टम सूचि में डालकर भाजपा ने भाषावाद और क्षेत्रियता का बीज समाज में फैला दिया है। जबकि मिथिला भारत का अंग है ही नहीं। मिथिलांचल के नाम पर बज्जिका और अंग प्रदेश को हड़पने कि साजिश हो रही है। क्या इसलिए ही भाजपा को वोट दिया जायगा ?कोंग्रेस और भाजपा में सांठगाठ का पता इससे भी चलता है कि अभी आम आदमी पार्टी को आये हुए चंदों कि जाँच हो रही है जबकि इस पार्टी का हर चीज पारदरशी है लेकिन अज्ञात चंदा जो भाजपा और कोंग्रेस को आती है उसकी जाँच नहीं हो रही है।
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