आज सादगी एवं बेमिसाल सौन्दर्य की मलिका सुचित्रा सेन चली गई । अदभुत मुस्कान की स्वामिनी, गज़ब की अदाकारा । पाब्ना, बंग्लादेश में 6 अप्रैल 1931 को जन्मी सुचित्रा जी ने लगभग 67 फिल्में की । हिन्दी में दिलीप कुमार के साथ पारों बनकर देवदास फिल्म को अमर बना दिया । रहे ना रहे हम महका करेंगे.. देखने में भोला है दिल का सलोना.. जैसी यादगार गाने हमेशा उनकी याद दिलाते रहेंगें..उनकी कला में वास्तिविकता थी जो हर दर्शक का मन मोह लेती थी। उन्हीं कि लड़की मुनमुन सेन है जो माज भी सिनेमा में कार्यरत है और सुचित्रा कि यद् ताज़ा करती है।
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