शनिवार, 30 दिसंबर 2017

mitrata.....

फिर मित्रता सूचि से कुछ लोगों को हटाने का मन बना लिया है जिसको हाँ हूँ भी करने नहीं आता है,लेखन तो दूर की बात है। लेखन भी करता है शुद्धता नहीं है। राष्ट्रभाषा का महत्व भी घटाता है। 

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