गुरुवार, 31 मई 2012
बुधवार, 30 मई 2012
सोमवार, 28 मई 2012
पूरे शहर ने स्वस्ति को दिया आशीर्वाद
छोटे मियां कॉमेडी शो में ग्रांड फिनाले का ख़िताब जितने के बाद सोमवार को स्वस्ति नित्या की शोभायात्रा निकाली गई l सजे हुए खुली जीप वह अपनी सहेलियों के साथ खड़ी थी , इसके पीछे 100 से अधिक गाड़ियाँ और बाइक गाजे बाजे के साथ चल रही थी l आशीर्वचन में लोगों ने कहा की भागलपुर की अम्मा आगे बढ़ो और शहर का नाम रोशन करो l
रविवार, 27 मई 2012
angika par aalekh
अलग मिथिलांचल राज्य के बहाने अंग महाजनपद पर हमला क्यों ?
कुछ माह पहले भागलपुर से प्रकाशित दैनिक जागरण में एक ऐसी खबर छ्पी जिसको पढ़कर अंग महाजनपद के तमाम रचनाकारों की नसों में बहता खून जम सा गया l वह खबर थी अलग मिथिलांचल की मांग जिसमे बज्जिका और अंगिका के क्षेत्रों को भी अपने नागपाश में जकड लिया l लाखों -लाख अंगिका भाषियों की भावना से घिनोना खिलवाड़ किया गया l सवाल यह उठता है की अलग मिथिलांचल की मांग करने वालों की गारद को अंग के इलाके को अपने क्षेत्र में शामिल करने में झिझक क्यों नहीं हुई ? अपने टुच्चे स्वार्थ के कारण इस तरह का खेल खेला गया l सच तो यह है की अंग प्रदेश के लोगों की अधूरी जागरूकता और शालीनता के कारण यह धूर्ततापूर्ण खेल एक अरसे से मैथली के उन कथित पंडों द्वारा खेला जा है l शायद ये लोग पन्निकर समिति की रिपोर्ट से अनभिज्ञ हैं l और तो और इनको इतिहास -भूगोल का कुछ ज्ञान नहीं है l मैथिली का अष्टम सूचि में आना भी संदेह के घेरे में आता है l
हिंद -चीन में समुद्र के किनारे चंपा राज्य की स्थापना द्वितीय शती में हुई l यहाँ भी राज्य का चम्पा नाम इसलिए प्रचलित हुवा की राज्य स्थापित करने वाले चम्पा (भागलपुर ) से आये थे l इन सभी द्वीपों का नाम अंगद्वीप था l इतना ही नहीं पंडों को यह जानकर दुःख होगा की बौद्धकाल के प्रसिद्ध बौद्धग्रंथ में जिन सोलह महाजनपदों का उल्लेख हुवा है, उनमे अंगजनपद सबसे प्रथम स्थान पर है l मिथिला का कहीं जिक्र तक नहीं है l सरकार के बगैर किसी सहयोग के जिस अंगिका के पास पाँच सौ से ज्यादा कलमकार , इतिहासकार और बुद्धी- जीवी हों वह अंगिका कमजोर कैसे हो सकती है ? अब तक जिस अंगिका की धरती पर बहती गंगा में शरतचंद , दिनकर , नेपाली , रेणु , वनफूल , महादेवी वर्मा , राजा राम मोहन राय , गौतम बुद्ध , रविंद्रनाथ टेगौर , विवेकानंद ,किशोर कुमार, अशोक कुमार ,सरहपाद , दीपंकर श्रीज्ञान जैसे लोगों की छवियाँ तैरती हों , वह अंगिका असहाय कैसे हो सकती है ? इसी जनपद ने बिहार को 11 मुख्य मंत्री दिया है l डॉ श्री कृष्ण सिंह , चंद्रशेखर सिंह , सतीश सिंह , बी पी मंडल , भोला पासवान शास्त्री आदि l
श्री कृष्ण सिंह तो अपने कार्यकाल में कई अंगिका के सम्मेलनों में आते रहें हैं l अपने समय में अंगिका को अष्टम सूचि में शामिल करने के लिए अग्रसारित भी किये थे l भागलपुर के कई सांसदों ने भी अंगिका को अष्टम सूचि में शामिल करने के लिए आवाज उठाई है l सर्वप्रथम डॉ रामजी सिंह ने 20/11/1978 में ही इसके लिए आवाज उठाई , जिसको केंद्र सरकार ने अनसूना किया है l बिल न0 175 आँफ 1978 के तहत डॉ 0 रामजी सिंह ने कहा कि-
शनिवार, 26 मई 2012
शुक्रवार, 25 मई 2012
Dusra upanyas
सोरठी ब्रिजभार मेरा दूसरा उपन्यास है जिसका कथासार बहुत ही रोचक है। यह भी उपन्यास अंगजनपद की लोकगाथाओं पर है।आज अंगप्रदेश 22 जिलों की सीमा को अपने पेट में समेटे हुए है। इसी अंचल में अनेक लोकगाथायें प्रचलित हैं l मरणासन्न की स्थिति में दम तोड़ रही इन लोकगाथाओं को यहाँ के साहित्यकारों ने औपन्यासिक विस्तार देकर इसमें एक नया जीवन प्रदान किया है l जिसमे अंगिका को भी प्रतिष्ठा मिलनी शुरू हो गई है l अभी तक 13 से ज्यादा उपन्यासों का प्रकाशन हो चुका है l इससे भागलपुर की एक अलग पहचान बनती है l
1) अंजनी कु0शर्मा-बाबा बिसु रावत (2008), 2) डॉ मीरा झा-बिहुला विषहरी(2008), 3) डॉ अमरेन्द्र -सल्हेश भगत (2009) 4)डॉ विद्या रानी -सारंगा (2010),5) धनञ्जय मिश्र -गोपी चंद (2010), 6) शिव कुमार शिव -महुआ घटवारिन (2010),7) डॉ प्रतिभा राजहंस -प्रतिशोध (2010),8) विद्या रानी -लचिका रानी (2010), 9)जगप्रिय -ब्रिजाभर (2010), 10) दिनेश तपन -रेशमा चौहरमल (2010), 11)रंजन -कुँवर नटुआ दयाल (2010), 12) अनिरुद्ध विमल- रानी लचिका(2010), 13)अंजनी कु0 शर्मा -सोरठी ब्रिज भार (2011) l
lokarpan
विश्वविद्यालय अंगिका विभाग भागलपुर में अंगिका पुस्तक का लोकार्पण करते हुए , बाएं से अंगिका-हिंदी एवं अभियंता अंजनी कुमार शर्मा, अंगिका साहित्यकार डॉ अमरेन्द्र , बिभागाध्यक्ष पी0जी0 हिंदी डॉ गणेशानंद झा, पी0जी अंगिका हेड डॉ बहादुर मिश्र, अंगिका प्राध्यापक डॉ0 प्रेम प्रभाकर, अंगिका साहित्यकार एवं कुलगीतकार आमोद कुमार मिश्र और अशोक ठाकुर l
सोमवार, 21 मई 2012
शनिवार, 19 मई 2012
vatpooja
punyadayni hai 'vat savitri vrat'
yah vrat mahilayon ke liye ati labhkari hai.Sastra me aisa kaha gaya hai ki sadhwa ho ya vidhwa, balika saputra, aputra sabhi striyon ko yah vrat avasya hi karna chahiya.Vatbriksh ki parikrama 108,54 ya 17 bar sradhapurvak karna chahiya sut lapetkar,Isme Brahma,Savitri tatha Satyavan ki pooja ki jati hai.
yah vrat mahilayon ke liye ati labhkari hai.Sastra me aisa kaha gaya hai ki sadhwa ho ya vidhwa, balika saputra, aputra sabhi striyon ko yah vrat avasya hi karna chahiya.Vatbriksh ki parikrama 108,54 ya 17 bar sradhapurvak karna chahiya sut lapetkar,Isme Brahma,Savitri tatha Satyavan ki pooja ki jati hai.
शुक्रवार, 18 मई 2012
छपते छपते दीपावली विशेषांक 2011, पेज 364 में मेरा 12 कुंडलिया प्रकाशित हुई है/ इसी पत्रिका का कवर पृष्ट और रचना, फोटो के साथ परिचय दिया जा रहा है/ जिस प्रकार मंदिर में त्रिपति सबसे अमीर है उसी प्रकार पत्रिका में यह सबसे अमीर पत्रिका है / लगातार 5 साल मेरी रचना इसमें छ्पी है, और हर छंद में/ पत्रिका द्वारा साहित्यकारों को प्रतिष्ठा भी दी जाती है /
उन्जनी कुमार शर्मा
भागलपुर -812001
गुरुवार, 17 मई 2012
Mata angdhatri is the roop of Durga. Lekin ang ke raja Danvir Karn ki kuldevi yahi mata angdhatri thi.ye dhanya dhanya ki devi thi. yahi karan hai ki kitna bhi raja karn sona dan me diya karte the lekin sone ka bhandar kabhi khali nahi hota tha. Aur ak bat hai ki karn kabhi bhi samne se dan nahin kiya karte the. ve bina aadmi ko dekhe hath pichhe karke munhmanga dan kiya karte the. Mataangdhatri ki kripa unpar bani hue thi.ye ang ki bhi kuldevi hai jinki pooja hoti hai.
Anjani Kumar Sharma
satyadeopath,siyaramnagar,
Bhikhanpur,BHAGALPUR-812001
Anjani Kumar Sharma
satyadeopath,siyaramnagar,
Bhikhanpur,BHAGALPUR-812001
बुधवार, 16 मई 2012
BABA BISU RAWT mera pahla upanyas hai angjanpad ki lokghatha per. Deron iski samiksha aaee hai. Silpayan Delhi ne ise badi siddat ke sath chhapi hai.Hazaron prati iski bik chuki hai . Isi upanyas per mujhe Krish chandra beri samman, Tulsi samman aur kae samman mile hain
BAba Bisu ka pinda Madhepura zile ke chousa prakhand ke pachrasi me hai. Jahan har sal Bisua parve ke din goupalak dudh chadate hai. .Baba Bisu bade hi avtari purush the.Lokgatha par ab tak 16 upanyase chap chuki hai jisme yah Baba bisu rawt pahla upanyas hai.Iski samiksha bade bade patrikaon me aa chuki hai jaise Bagarth(ccalcutta), Puspak(Hyderabad), Hindi pracharak patrika(Vanaras).
Anjani Kumar Sharma
मंगलवार, 15 मई 2012
sansad ke central hall me dinank 14 september 2004 ko HINDI DIVAS par kavita path karte hua er.Anjani kumar sharma(Bhagalpur). Shri satnarayan jatia(tatkalin welfare minister), shri shivraj patil(present Governor of Rajashthan),shri shyam singh sasi( Director prakashan vibhag) were also present in tha hall. Total 22 poets from all over India had read the poem.Mr Raghvendra Thakur RJD publication was organiser.
SHARMA,SATYA DEO- Headmaster, Board Middle School, Tilakpur,
Bhagalpur(1964-65)
Born on 01 Feb
1914 at Bhagalpur, father K M Sharma , education-B A, studied Purnea Zila School and Patna College Patna, started in school of award as
Headmaster 1938, retierd-1976,competent
and painstaking teacher, instrumental
in all-around development of school
and its continuous
bright records, known for keen interest in both indoor and
outdoor activities of school, helpful in
establishing a Girls Training
School
and promoting Co-Operative movement in locality,
keen promoter of Adult Literacy, village educationist in real sense of term,
left good collection of stones, minerals,
sheels and books for imparting
general knowledge to students, was Secretary(primary section) of All-India Federation of Educational
Associations , President-Provincial
Examination Board of Bihar
Shikshak Sangh and President-Elementary Headmasters
Association.
From-NATIONAL TEACHERS AWARD
and Those who received it(P-A88)
By
S.S.GANDHI,THE DEFENCE REVIEW,N-74,GREATER KAILASH-1,NEW-DELHI-110048
सोमवार, 14 मई 2012
जिसको नहीं हो रही है पर्यावरण वेरोजगारी
मिलती है पगार पृथ्वी का दोहन का बढा है कहर क़ी बढती दर से
धन अपार मानो सोहन चीखता शहर जूझता देश
वोट खातिर बन गया चौपट हुआ कत्ल बेटी का
लुटेरों को सटाते शराब _सिगरेट आन,बान औ शान औ माँ जाती जेल
मंत्री बनाते मानो फैशन ध्वस्त जापान कैसा है खेल
बने है बाबा दिखती नहीं
अब अरबपति गंगा में वह धार
समागम से समझो सार
शनिवार, 12 मई 2012
दोहे
घर में मिले गर माँ को, सबका ही सम्मान
समझो माँ सबके लिए, है तो इक भगवान
कोई घर माँ के बिना, लगता है वीरान
मिलता है हर काम में, माँ का ही वरदान
माँ काली और लक्ष्मी, माँ दुर्गा अवतार
एक प्रकार से माँ है, जीवन का आधार
माँ से मिलती धूप है, माँ से मिलती छांव
ना होने देती कभी, डगमग मेरे पांव
माँ तो रहती है सदा, आँखों के ही पास
रखती है वह बंधाकर, बरबस मन में आस
रात-दिन वह कभी नहीं, लेती है अवकाश
चमकाती है वह सदा, घर-आँगन का वास
है वह बच्चों के लिए, बुलंदी क़ी उड़ान
ला सकती वह कभी भी, तोड़कर आसमान
अपने जीवन का वही, है आँचल का छांव
माँ से ही है अंजनी, रौशन सारा गांव
ई० अंजनी कुमार शर्मा ,भागलपुर ,
मो0- 09835092904
गुरुवार, 10 मई 2012
gazal ganw par
ग़ज़ल
छू रहा है आसमा को आज भी यह तिलकपुर
चांदनी में चमकती है मोतियों सा तिलकपुर
दूर से भी लोग आते इस धरा को चूमने
रोशनी भी बांटता है हर तरफ ही तिलकपुर
इस धरा से आ रही है खुशबुएँ साहित्य की
शोहरत के संग रहकर जी रहा है तिलकपुर
मिलकर सबों ने सजाया औ संवारा है इसे
देश को इक सूत्र में लगता पिरोता तिलकपुर
मेहमा भी आकर यहाँ सींचते इस बाग़ को
पल रहा संस्कार में एक अरसा से तिलकपुर
शोभता है वेहरी में गांव का हर छोर ही
अंग के भी लाज को यह तो बचाता तिलकपुर
गंग की धरा इसे है नित्य रोज पखारती
आम के भी मंजरों से महकता है तिलकपुर
लोग भी हर कौम के रहते जहाँ सुख चैन से
एकता का पेश करता है नमूना तिलकपुर
है यही सौभाग्य तेरा पुत्र हो इस गांव के
अंजनी तू देखना बस रौशन रहे तिलकपुर
ई 0 अंजनी कुमार शर्मा
छू रहा है आसमा को आज भी यह तिलकपुर
चांदनी में चमकती है मोतियों सा तिलकपुर
दूर से भी लोग आते इस धरा को चूमने
रोशनी भी बांटता है हर तरफ ही तिलकपुर
इस धरा से आ रही है खुशबुएँ साहित्य की
शोहरत के संग रहकर जी रहा है तिलकपुर
मिलकर सबों ने सजाया औ संवारा है इसे
देश को इक सूत्र में लगता पिरोता तिलकपुर
मेहमा भी आकर यहाँ सींचते इस बाग़ को
पल रहा संस्कार में एक अरसा से तिलकपुर
शोभता है वेहरी में गांव का हर छोर ही
अंग के भी लाज को यह तो बचाता तिलकपुर
गंग की धरा इसे है नित्य रोज पखारती
आम के भी मंजरों से महकता है तिलकपुर
लोग भी हर कौम के रहते जहाँ सुख चैन से
एकता का पेश करता है नमूना तिलकपुर
है यही सौभाग्य तेरा पुत्र हो इस गांव के
अंजनी तू देखना बस रौशन रहे तिलकपुर
ई 0 अंजनी कुमार शर्मा
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