शुक्रवार, 31 अगस्त 2012
गुरुवार, 30 अगस्त 2012
बुधवार, 29 अगस्त 2012
सोमवार, 27 अगस्त 2012
रविवार, 26 अगस्त 2012
शनिवार, 25 अगस्त 2012
sansad me------
संसद में अब पुर्णतः , आया है गतिरोध
देख -देख कर आ रहा , लोगों को भी क्रोध
लोगों को भी क्रोध , कौन है ज्यादा दोषी
लग रहा है जैसे , झगड़ रहे हों पडोसी
दंगा ,फसाद , लूट , का है बोलबाला
श्वेत वस्त्रों में भी , चेहरा लगता काला
dr manjazir aashik haganvi
डॉ मनाज़िर आशिक हरगानवी ( प्रोफ़ेसर , उर्दू विभाग , भागलपुर विश्वविद्यालय ) को साहित्य अकादेमी पुरस्कार देने की घोषणा की गई है l अभी तक इन्होंने अंगिका , हिंदी , उर्दू और अंग्रेगी में सौ से ज्यादा पुस्तकें लिखी हैं l सहयोगी अंजनी कुमार शर्मा के अलावे अंगिका -हिंदी साहित्यकारों दिनेश तपन , राजकुमार , अमरेन्द्र , रंजन आदि ने उनको बधाई दी है l यह पुरस्कार उनको नवम्बर में एक समारोह में दिया जायगा l पुरस्कार में पचास हज़ार रुपये के अलावे शांल और ताम्रफलक भी दिया जायगा l
गुरुवार, 23 अगस्त 2012
netaon ke chakkar me---------
चार महिलाएं 1)अनुराधा बाली 2)भवरी देवी 3)गीतिका शर्मा 4)नैना साहनी कांग्रेसी नेताओं के चक्कर में जान गंवाई , मधुमिता शुक्ला -बसपा नेता के चक्कर में तथा शहला मसूद भाजपा नेता के चक्कर में जान गंवाई l यानि पैसा और पॉवर कुछ भी कर सकता है देश में l खासकर नेताओं के लिए यह दायें -बाएं का खेल है l तभी तो भारत ऐसे देश का यह हाल है l
बुधवार, 22 अगस्त 2012
मंगलवार, 21 अगस्त 2012
road me hi ---------------
रोड में ही गड्डे हैं, या गड्डे में रोड
क्षमता से कहीं ज्यादा, है सड़कों पर लोड
है सड़कों पर लोड, गिरता-बजड़ता लारी
गंदे जल को विवश, हैं पीने को सवारी
पानी के साथ ही, बहता है खूब पैसा
मंजे खिलाडियों का, मैदान है कैसा
hai bas danga---------
है बस दंगा कराना, कांग्रेसी का काम
देखो पूना, मुंबई, और यहाँ आसाम
और यहाँ आसाम, किस तरह मची तवाही
पर गद्दी के लिए, कुछ भी करेगा माही
लुटेरों का बरबस, मिला है इसे सहारा
ठगने का देश में, एक स्वर से दिया नारा
jab tak bhrashtachar hai-------
जब तक भ्रष्टाचार है, होगा अत्याचार
भरे हुवे हैं दलों में, व्यक्ति सब दागदार
व्यक्ति सब दागदार, पूरा तंत्र है दागी
काले धन पर अड़े, देश का इक बैरागी
देशद्रोहियों को, मदद मिलती सरकारी
वहीँ देशवासियों पर दमनचक्र है जारी
desh ki shan------------
देश का शान तिरंगा, बन बैठा व्यापर
फहराने का है सिर्फ, भक्तों को अधिकार
भक्तों को अधिकार, जनता बन गई बौना
बना दिया है जिसे, नेताओं ने खिलौना
किया है लोगों ने, समझ लो मेहरवानी
सहेंगे अब कितना, देश में बेईमानी
tilakpur senani ka--------------
तिलकपुर सेनानी का, कहलाता है धाम
जिस धरती क़ी कोख से, जन्म लिए सियाराम
चटवा दिए थे जिसने, अंग्रेजों को धूल
जिनकी शक्ति को सबने, मन में किया कबूल
अंग्रेजों के कुचक्र का, वे रखते थे काट
उनका तो व्यक्तित्व था, सच में बहुत विराट
जिन्दगी भर सहते रहे, घर का मगर वियोग
सहचरी सरस्वती का, मिला खूब सहयोग
अंग्रेजों का सपना, पल में कर दी चूर
सपूत थे वे गाँव के, सचमुच ही इक नूर
अंजनी कुमार शर्मा
kitna pak saf------------
कितना पाक-साफ रहा, इनकम टैक्स विभाग
पैर से सर तक जिसमे, भरे हुए हैं दाग
भरे हुए हैं दाग, अब सरकार क़ी बारी
शिकंजा कसने क़ी, चल रही है तैयारी
नेता पकड़ने में , सटक जाती नाड़ी
बाबा को तंग कर, क्यों निभाते हो यारी
kuchh hi----------
कुछ ही महापुरुष रहे, भारत में अपवाद
सबसे ओव्वल में रहे, पटेल औ डॉ0 प्रसाद
पटेल औ डॉ० प्रसाद,औरों ने गुल खिलाया
गरिमा को बेचकर, चौतरफा धन कमाया
हैं अधिसंख्य लुटेरे, संसद के घर जमाई
सब के सब हैं चोर- चोर मौसेरे भाई
kale dhan-------------
काले धन पर क्यों यहाँ, चुप रहती सरकार
इसी काले धन का तो, है फिर से दरकार
है फिर से दरकार, चर्चा करेंगे कैसे
चुनाव के लिए तो, चाहिए ही कुछ पैसे
छिपाकर रखना है, स्वीस बैंक का खाता
भ्रष्टाचारियों से, बिगड़ ना जाये नाता
rahul mantri---------
राहुल मंत्री बनेंगे, फुंकाया है शंख
दौड़ेंगे आकाश में, लेकर अपने पंख
लेकर अपने पंख, देश का भ्रमण करेंगे
भूख-प्यास से कहीं, कोई भी ना मरेंगे
जातीय हिंसा का हो जायगा खात्मा
उठ कर खड़ी होगी, कांग्रेस क़ी मृत आत्मा
ghotale ka ho-----------
घोटाले का हो रहा, अब तो पर्दाफास
मंत्री कहते हैं यहाँ, है यह इक वकवास
है यह इक वकवास, तब फिर जेल क्यों जाते
तब क्या वहां मस्ती और पिकनीक मनाते
आ गया अब कैसा, कलयुग का जमाना
बनकर पहरेदार ही लुटते हैं खजाना
ghotale au jail-----------
घोटाले औ जेल में, हो गई तालमेल
पक्ष-विपक्ष का चालू है,संसद में अब खेल
संसद में अब खेल, अजूबा है सरदारी
तमाशा बंदर का, देख रहा हैं मदारी
सत्ता हाथ में है तो कर रहे बरजोरी
उड़ाते हैं पतंग, पर कट गई है डोरी
bihula puja--------
बिहुला पूजा से यहाँ, शहर हुआ गुलजार
कलश यात्रा में निकली, औरतों क़ी कतार
औरतों क़ी कतार, गंगा गई वह गाती
पति को जिलाने फिर, मंजूषा को बहाती
देखते ही बनता है, हर कलश क़ी चित्रकारी
भगत से भभूत लिया, सबों ने बारी बारी
lokgatha bihula-------
लोकगाथा बिहुला का, है तो इक पहचान
पूज्य है जो जनपद में, वह बिषहरी के समान
वह बिषहरी के समान, हो गई अब बिदाई
भक्तों के बीच कल, वह गंगा में समाई
मेयर ने दिखाया, यात्रा को हरी झंडी
भक्तों से भरे थे, शहर का हर पगडंडी
galat ko sahi-------
गलत को सही बताकर, करते है गुणगान
कहते मंहगाई से, चकाचक हैं किसान
चकाचक हैं किसान, ऐसे देते सफाई
कह रहे मानसून से आई मंहगाई
क्यों करते हैं सभी, गलत ही बयानबाजी
गठबंधन में सभी, खाते- पकाते भाजी
शनिवार, 11 अगस्त 2012
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
बुधवार, 8 अगस्त 2012
paryavaran kundalia
सूखे ने पचा ली है, इस बार सब अनाज
वारिस नहीं होने का, समझें इसका राज
समझें इसका राज, खेत है सरपट सूना
किसानों को चहुदिश, अब लग रहा है चूना
प्रकृति की मार से, अब हो गया है मारा
बाढ़ औ सूखे से, सब हो गया बेचारा
रविवार, 5 अगस्त 2012
शुक्रवार, 3 अगस्त 2012
gazal paryavaran par
ग़ज़ल पर्यावरण दिवस पर
पर्यावरण के साथ जहाँ जारी मनमानी है
वहां प्रदुषण की बातें करना बेमानी है
सिर्फ बहस पर बहस , बहस यह बात बतंगर है
ज्यों का त्यों ही पड़ा प्रदूषित वायु-पानी है
पर्यावरण की खातिर धरती दिवस मानते हैं
कदम -कदम पर वृक्ष रोज देता कुर्वानी है
जनसँख्या पर रोक लगे तो रुके प्रदुषण भी
कागज पर ही वृक्ष लगाना भी नादानी है
ठूंठ गाछ में कोंपल आया चिड़ियाँ चहक उठी
पीपल, बरगद ,गुलमोहर में चढ़ी जवानी है
बुधवार, 1 अगस्त 2012
teen kundalia anna par
तीन कुण्डलिया अन्ना पर
1)अन्ना ने फिर देश में, भर दी है हुंकार l सहमी-सहमी लग रही , दिल्ली की सरकार ll
दिल्ली की सरकार, जिसमे है कई रंगा l व्यर्थ ही अन्ना से , ले रही है वह पंगा ll
खजाना खाली कर, कर रहे हैं ऐय्यासी l लूटतंत्र में सभी , त्रस्त हैं भारतवासी ll
2)अन्ना कैसे सहेंगे , कुकर्म को चुपचाप l बुढे भी बन जाते हैं, नेता सब भी बाप ll
नेता सब भी बाप , फरेबी करते बंदा l रौनक चेहरे का , कभी ना होता मंदा ll
नीचे से ऊपर तक , हैं तो सभी व्यभचारी l निभाते आपस में , मिलकर सभी भैय्यारी ll
3)आधा भारत देश में , छाई हाहाकार l रुला दी बिजली ने पर रोई ना सरकार ll
रोई न सरकार , अन्ना जी क्या करेंगे l जब मंत्री और भी ,प्रोमोट हो जायेंगे ll
लगते हैं सब यहाँ , एक तरह से भिखारी l लूट में करते हैं , सभी तो मारामारी ll
अभि0 अंजनी कुमार शर्मा
सियारामनगर, भीखनपुर ,
भागलपुर-812001(बिहार )
मो0-9835092904
1)अन्ना ने फिर देश में, भर दी है हुंकार l सहमी-सहमी लग रही , दिल्ली की सरकार ll
दिल्ली की सरकार, जिसमे है कई रंगा l व्यर्थ ही अन्ना से , ले रही है वह पंगा ll
खजाना खाली कर, कर रहे हैं ऐय्यासी l लूटतंत्र में सभी , त्रस्त हैं भारतवासी ll
2)अन्ना कैसे सहेंगे , कुकर्म को चुपचाप l बुढे भी बन जाते हैं, नेता सब भी बाप ll
नेता सब भी बाप , फरेबी करते बंदा l रौनक चेहरे का , कभी ना होता मंदा ll
नीचे से ऊपर तक , हैं तो सभी व्यभचारी l निभाते आपस में , मिलकर सभी भैय्यारी ll
3)आधा भारत देश में , छाई हाहाकार l रुला दी बिजली ने पर रोई ना सरकार ll
रोई न सरकार , अन्ना जी क्या करेंगे l जब मंत्री और भी ,प्रोमोट हो जायेंगे ll
लगते हैं सब यहाँ , एक तरह से भिखारी l लूट में करते हैं , सभी तो मारामारी ll
अभि0 अंजनी कुमार शर्मा
सियारामनगर, भीखनपुर ,
भागलपुर-812001(बिहार )
मो0-9835092904
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