बरबस कोंग्रेसियों के रहते ऐसे बोल,
दागते अपने खेमे में अक्सर ही गोल।
में अक्सर ही गोल,पलट जाता है बाजी,
वोट देने कोई भी, ना होता है राजी।
कांग्रेस युग का हो रहा समझो ही खात्मा,
अपनी गल्तियों पर रो रही है अब आत्मा।
दागते अपने खेमे में अक्सर ही गोल।
में अक्सर ही गोल,पलट जाता है बाजी,
वोट देने कोई भी, ना होता है राजी।
कांग्रेस युग का हो रहा समझो ही खात्मा,
अपनी गल्तियों पर रो रही है अब आत्मा।
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