कल अजगैवीधाम परिसर में किसी एक कवि ने चारा घोटाले पर कविता पढ़ दिया, कुछ देर के बाद दो लोग आये मोटर साइकिल से और कविसम्मेलन बंद कराने लगे। उसको शिकायत थी की लालू पर कविता पढ़ोगे तो सम्मलेन नहीं चलेगा। किसी तरह उसको समझाबूझाकर वापस भेजा गया। लेकिन उस कवि को भी वह आदमी खोज रहा था। लेकिन वह कवि व्यवस्था में था कहीं कुछ नाश्ता-पानी लाने चला गया था।
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