1 )दुनिया का सबसे बड़ा जेवर आपकी अपनी मेहनत है।
जो हाथ सेवा के लिए उठते हैं वे प्रार्थना करते होठों से पवित्र हैं।
स्वार्थ में अच्छाईयाँ ऐसे खो जाती हैं, जैसे समुंद्र में नदियाँ।
2 )इस तरह न कमाओ कि पाप हो जाये।
इस तरह न खर्च करो कि कर्जा हो जाये।
इस तरह न खाओ कि मर्ज हो जाये।
इस तरह न बोलो कि क्लेश हो जाये।
इस तरह न चलो कि देर हो जाये।
इस तरह न सोचो कि चिंता हो जाये।
ई० अंजनी कुमार शर्मा
जो हाथ सेवा के लिए उठते हैं वे प्रार्थना करते होठों से पवित्र हैं।
स्वार्थ में अच्छाईयाँ ऐसे खो जाती हैं, जैसे समुंद्र में नदियाँ।
2 )इस तरह न कमाओ कि पाप हो जाये।
इस तरह न खर्च करो कि कर्जा हो जाये।
इस तरह न खाओ कि मर्ज हो जाये।
इस तरह न बोलो कि क्लेश हो जाये।
इस तरह न चलो कि देर हो जाये।
इस तरह न सोचो कि चिंता हो जाये।
ई० अंजनी कुमार शर्मा
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