1 )जो विवेक से नियमों को तो सीख लेता है किन्तु जीवन में उन्हें उतारता नहीं, वह ऐसे आदमी की तरह है जिसने अपने खेतों में मेहनत की , मगर बीज नहीं बोया--सदी 2 )सहनशीलता होना अच्छी बात है , परन्तु अन्याय का विरोध करना उससे भी उत्तम है --जयशंकर प्रसाद 3 )वही सच्चा साहसी है जो कभी निराश नहीं होता --कन्फुशियस4 ) आलोचना को छोड़कर हर व्यवसाय सीखने में मनुष्य को अपना समय लगाना चाहिए क्योंकि आलोचना तो सब बने बनाये ही हैं ---वायरन5 )हमें लोहे को अवश्य ही उस समय पीटना चाहिए जब कि वह गरम हो , किन्तु पालिश करना तो अवकाश के समय हो सकता है ---ड्राईडेन6 ) जो अपने पर अनुशासन नहीं रख सकता है , वह दूसरों पर अनुशासन कैसे रख सकता है --सूत्र कृतांग 7 ) जो मूर्ख प्रकाशमान दिन में कपूर का दीपक जलाता है , शीघ्र ही उसके दीपक में रात को भी तेल नहीं होगा --शेख सादी8 )संसार में आंसू की जो महिमा है वह आखों की भी शायद ही हो , आँख यदि जहर है तो आंसू अमृत , एक यदि रूप है तो दूसरा स्वरुप --रंजन सूरिदेव L
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