देख रहे सब विश्व में, पर्यावरण का रंग।
अब तो समझो यही है,शंकर औ बजरंग।।
शंकर औ बजरंग, कितना ही कहर ढाया।
केदारघाटी में, सबको खूब रुलाया।।
छेड़छाड़कर धरा को, मुसीबतें ना बढाओ।
जिंदगी में अब तो, पर्यावरण अपनाओ।।
ई0 अंजनी कुमार शर्मा(पर्यावरणविद, अंगिका-हिंदी साहित्यकार, वेबसाइट मेनेजर आप भागलपुर)
(अहमदाबाद प्रवास के दौरान लिखी गई कुण्डलिया, 24/6 /13 को)
अब तो समझो यही है,शंकर औ बजरंग।।
शंकर औ बजरंग, कितना ही कहर ढाया।
केदारघाटी में, सबको खूब रुलाया।।
छेड़छाड़कर धरा को, मुसीबतें ना बढाओ।
जिंदगी में अब तो, पर्यावरण अपनाओ।।
ई0 अंजनी कुमार शर्मा(पर्यावरणविद, अंगिका-हिंदी साहित्यकार, वेबसाइट मेनेजर आप भागलपुर)
(अहमदाबाद प्रवास के दौरान लिखी गई कुण्डलिया, 24/6 /13 को)
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