दिल्ली चुनाव में असमंजस की स्थिति बनी हुई है आखिर क्यों ? कहाँ तो गडकरी जी
कहते थे कि आप का पत्ता भी नहीं खुल पायेगा दिल्ली में, लेकिन हुआ उल्टा। इनका
तो ये भी कहना था कि अगर देशहित में हो तो कोंग्रेस का साथ देने में कोई
दिक्कत नहीं है। कोंग्रेस और भाजपा गठबंधन के बारे में शत्रुघन सिन्हा ने कहा
है कि कोंग्रेस और भाजपा गठबंधन के बारे में सिरीयसली विचार करना चाहिए।
वही सुषमा स्वराज ने भी कहा है कि शीला से चिंता मत करो सब ठीक हो जायेगा। वही
दिल्ली के भाजपा नेता हर्षबर्धन ने कोंग्रेस का समर्थन लेने के लिए यहाँ तक कह
डाला कि अगर दिल्ली में बीजेपी कि सरकार बनी तो किसी घोटाले कि जाँच नहीं कि
जायगी। तब फिर दिल्ली में चुनाव की नौबत क्यों आ रही है ? कोंग्रेस से मिलकर
भाजपा को सरकार बना लेनी चाहिए। क्योंकि बहुमत भी ज्यादा है इनको। यही तो
केजरीबाल जी भी कह रहे है। आखिर कथनी और करनी में समानता होनी चाहिए न ?
ई o अंजनी कुमार शर्मा, आप भागलपुर
कहते थे कि आप का पत्ता भी नहीं खुल पायेगा दिल्ली में, लेकिन हुआ उल्टा। इनका
तो ये भी कहना था कि अगर देशहित में हो तो कोंग्रेस का साथ देने में कोई
दिक्कत नहीं है। कोंग्रेस और भाजपा गठबंधन के बारे में शत्रुघन सिन्हा ने कहा
है कि कोंग्रेस और भाजपा गठबंधन के बारे में सिरीयसली विचार करना चाहिए।
वही सुषमा स्वराज ने भी कहा है कि शीला से चिंता मत करो सब ठीक हो जायेगा। वही
दिल्ली के भाजपा नेता हर्षबर्धन ने कोंग्रेस का समर्थन लेने के लिए यहाँ तक कह
डाला कि अगर दिल्ली में बीजेपी कि सरकार बनी तो किसी घोटाले कि जाँच नहीं कि
जायगी। तब फिर दिल्ली में चुनाव की नौबत क्यों आ रही है ? कोंग्रेस से मिलकर
भाजपा को सरकार बना लेनी चाहिए। क्योंकि बहुमत भी ज्यादा है इनको। यही तो
केजरीबाल जी भी कह रहे है। आखिर कथनी और करनी में समानता होनी चाहिए न ?
ई o अंजनी कुमार शर्मा, आप भागलपुर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें