याद में --------
लहकै पुरवैया कि लरकै बदरिया
रही-रही-
मारै कनखी बिजुरिया, कि रहि-रहि
बरसै जे पनिया कि चुवै अगरिया
भरी आनो-
स्वo डॉo डोमन साहू 'समीर'
लहकै पुरवैया कि लरकै बदरिया
रही-रही-
मारै कनखी बिजुरिया, कि रहि-रहि
बरसै जे पनिया कि चुवै अगरिया
भरी आनो-
स्वo डॉo डोमन साहू 'समीर'
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