जयंती पर विशेष l स्वप्न व आक्रोश से लबरेज कविताओं का कवि 'अदम ' l हिंदी साहित्य में अदम गोंडवी एक ऐसे अख्खर की आवाज, जिसने आशिक माशूक के मिजाज वाली ग़ज़ल को आमजन की पीड़ा, स्वप्न और आक्रोश की आवाज बनाया l आज के हालात पर अदम का अंदाज कुछ ऐसा है - काजू भुने प्लेट में, व्हिस्की गिलास में / उतरा है रामराज विधायक निवास में / पक्के समाजवादी हैं, तस्कर हों या डकैत / इतना असर है खादी के उजले लिबास में l ------ जन्म -23 अक्तूबर 1947
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