शुक्रवार, 19 अक्तूबर 2012

meri matribhasha me------------

                      हिंदी हिंदुस्तान की भाषा है
मेरी मातृभाषा में कितनी ही खामी क्यों न हो, मै इससे इस तरह चिपटा रहूँगा जिस तरह कोई बच्चा अपनी मां की छाती से l यही मुझे जीवनदायी दूध दे सकती है l यदि अंग्रेजी इस तरह को हड़पना चाहती है , जिसकी वह हक़दार नहीं है तो मैं उससे सख्त नफरत करूँगा l वह कुछ लोगों के सीखने का विषय हो सकती है पर लाखों करोड़ों की भाषा नहीं l 
                                                                          महात्मा गाँधी   

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