मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

kala se jyada---------------------

कला से ज्यादा ही अब, देख रहे हैं लाभ
कहाँ मिलते फिल्मों में, दिलीप औ अमिताभ
दिलीप औ अमिताभ, फूहड़पना है हावी
क्या यही है फिल्मों, की अब तो कामयाबी
हैप्पी बर्थ डे पर, अमित को बहुत बधाई
कजरारे की गूंज, देती अब भी सुनाई 
 
  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें