पहले मेरे द्वारा लगाए बगीचे(आवास के पीछे सुल्तानगंज) में दो गाछ मोहागनी का मुड़ी मड़ोड़ा फिर 14 गाछ का मुड़ी मड़ोड़ा जैसे लगता है हमने किसी का कुछ बिगाड़ा हो?लेकिन हमारे दिमाग रूपी कंप्यूटर में कुछ नाम अंकित हो गया है। एक कौरवी सेना को हमारे मेहनत और विकास से जलन का यह परिणाम है। हमने स्पष्ट कुछ लोगों को शिकायत करते हुए कहा जिसने भी गाछ तोड़ा या जिसने घृणित काम करवाने की शजिस की उनलोगों को नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी।
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