बुधवार, 25 अप्रैल 2018

yadgari me....

आदमी का स्तर इतना गिर गया है कि अपने काम के लिए किसी भी स्तर तक जा सकता है। समाज भी वैसे लोगों को पहचानने में भ्रमित हो जाता है। 

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