कल २२/२/१४ को पटना में लोकसभा के लिए आप प्रत्यासियों का साक्षात्कार था। अधूरे फॉर्म वाले को मैसेज नहीं दिया गया लेकिन अधूरे फॉर्म वाले को जिनकी संख्या ज्यादा थी उनका भी साक्षात्कार लिया गया यह एक तरह से ठीक ही हुआ। लेकिन कितना तबज्जो मिलेगा भविष्य में यह समय ही बतायेगा। इसमें कुछ बातें मेरे मन में हिचकोले खाती रही पुरे दिन पटना में जिसको बता देना उचित समझता हूँ पार्टी हित के लिए।
१ )अधूरा फॉर्म इसलिए की प्रत्येक बिधानसभा से १०० प्रस्तावकों का आभाव। मान लिया जाय किसी लोकसभा में ६ बिधान सभा है तो कम से कम ६ सौ प्रस्तावकों का नाम, हस्ताक्षर होना चाहिए। ६ सौ से हस्ताक्षर ले लिए तो क्या लोकसभा के सारे वोट वटोर लिए जायेंगे ? यह कुछ अटपटा सा लगता है। हमको नहीं लगता है किसी ने सही प्रस्तावकों को भरा होगा एक तरह से धूल झींकने का ही काम किया गया होगा प्रत्यासियों द्वारा । होना तो यही चाहिए कैंडिडेट का चरित्र , शिक्षा ,पार्टी से प्रेम , सोच और ईमानदार व्यक्ति को प्रत्यासी बनाया जाना चाहिए। नहीं तो यह खुद एक भ्रष्टाचार को जन्म देता है।
२)ऐसा इसलिए हुआ या हो रहा है की प्रोफेसर लाइन ज्यादा हॉबी है आप में। सरकारी कॉलेजों के प्राध्यापक पढ़ाई कम और राजनीति में ज्यादा लिप्त रहते है लेकिन दरमाहा दुनियाभर का है। क्या यह भी भ्रष्टाचार के दायरे में नहीं आता है ?
३) साक्षात्कार के समय मुझसे पहला प्रश्न किया गया -आप अभियंता है पार्टी में पुल बनाना है क्या ?अब जनाब को यह नहीं मालूम कि आप के संस्थापक संयोजक अरविन्द केजरीवाल अभियंता हैं। बिहार को चमकाने वाले नीतीश कुमार भी एक अभियंता है। अगर इस तरह कि उटपटांग बातें होती रही पार्टी में तो पार्टी का कार्य कैसे आगे बढ़ेगा ? ई० अंजनी कुमार शर्मा, आप
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