भारत बंद एक अफवाह की उपज थी जिसको दलित के नाम पर हौवा खड़ा किया था,लेकिन बात का बतंगड़ बना दिया गया। लेकिन फिर भी रिजल्ट जीरो ही रहा। लेकिन बिरनी के खोते में हाथ डाला जा चूका है आरक्षण के ऊपर खतरे का बादल छाने लगा है। अब क्षति पूर्ति का आकलन होना चाहिए और इसकी भरपाई। सरकार को बड़ा खजाना बनाकर तैयार रखना चाहिए।
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