ErAnjaniSharmaAnjani's Blog
मंगलवार, 14 नवंबर 2017
dar dar ghumai.....
दरदर घूमै छै जे मंदिर मंदिर,
करै छै दंडवत, झुकवै छै सिर,
तैइयो नै लोगें करी रहलो छै कबूल,
की सखि अमित साह? नै सखि राहूल।
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