जब राजेश खन्ना अहमदाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे उस समय मैं अहमदाबाद में ही था l शायद मिल बंद हो गया था तो नौकरी की तलास में गया था l चाँद लोदिया स्टेशन के पास बहन और बहनोई के पास रहता था l स्टेशन के पास ही रेलवे गुमटी था , अब उस जगह ओवर ब्रिज बन गया है l उस जगह का चेहरा अब काफी बदल गया है l उसी जगह हाथ में फाइल लेकर मे घाट लोडिया की और जा रहे थे क्योंकि उसी जगह मेरे बहनोई डॉ0 उमा कान्त चौधरी के छोटे भाई दिवा कान्त चौधरी रहते थे , उनसे मिलना था l उसी समय राजेश खन्ना का जुलुस आ रहा था l खुली जीप में वे खड़े होकर सबका अभिवादन कर रहे थे l संयोग वश उनकी नजर मेरे ऊपर पड़ गई l मैंने हाथ हिलाना शुरू कर दिया , उन्होंने मेरे हाथ हिलाने का जबाब हाथ हिला कर दिया l मुझे काफी ख़ुशी हुई उनका दर्शन पाकर l आज वे नहीं रहे पर वह छन मै भूल नहीं सकता हूँ l
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