प्रो0 रामनाथ शर्मा की आत्मकथा है " परिचय इतना इतिहास यही" l श्री शर्मा का जन्म पटना जिले के अमहरा गाँव में हुआ है l ये जी0जे0कॉलेज रामबाग, बिहटा (पटना ) में हिंदी विभागाध्यक्ष के पद से अवकाशग्रहण किये हैं l ये मगही तथा हिंदी के अच्छे विद्वान हैं l मगही साहित्य को समृद्ध करने में इनका बड़ा ही योगदान है l अभी भी घर पर रहकर साहित्य सेवा कर रहे हैं l ये बी0एन0कॉलेज के छात्र थे l जहाँ नलिन विलोचन शर्मा प्राध्यापक थे और प्रिंसिपल एस0एस0मोइनुल हक़ प्राचार्य थे l जिनके नाम पर पटना में स्टेडियम है l संयोगवश इस पुस्तक में मेरी भी समीक्षा आई है पृष्ट 85 में ,यह मेरा सौभाग्य है l इनके उपर 7 दोहे में समीक्षा दी है मैंने l पुस्तक 2008 में प्रकाशित हुई है l अभी भी श्री शर्मा से साहित्य को खासकर मगही साहित्य को ढेर सारी उम्मीदें बची हुई है l इनके दिर्घायु होने की मैं कामना करता हूँ l
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