जैन धर्वालम्बियों के लिए भी अंग की विशेष महत्ता है l जैनियों के आठवें तीर्थकर वासुपूज्य का जन्म स्थान है-नाथनगर (भागलपुर ) l नाथनगर के जैन मंदिरों में हजारों जैन तीर्थ यात्री प्रतिवर्ष आते हैं और पूजा -अर्चना कर वे पार्श्वनाथ की ओर प्रस्थान करते हैं l इसमें अधिकतर गुजरात ,महाराष्ट्र और राजस्थान के जैनी हैं l
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