सोमवार, 16 अक्टूबर 2017

dhanteras.......

दिवाली के धनतेरस छेके दरबान।
जुटाय ल पहिने बर्तन औ ढेरी सामान।
लक्ष्मी के करो मन से दिन औ रात पूजा।
प्रसाद खाय के ही सब मगन रहथों दूजा।
पर दारु,जूआ सें करिहो सभ्भे किनारा।
दिवाली मनें मगन से सब घरों में प्यारा।     

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