बुधवार, 25 जुलाई 2012

asam hinsa

बशीर बद्र का एक शेर है -
'लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में , तुम तरस नहीं खाते बस्तियां  जलने में l 'असम  हिंसा को देखकर यह शेर क्या बयां कर रहा है? असम में हिंसा के कारण 50 लाख लोग बेघर हुए  हैं l  कोकराझार में बनाये राहत  शिविर में स्थिति सामान्य होने के इंतजार में बैठी एक  महिला l  

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