बुधवार, 11 जुलाई 2012

haiku vatika

यह हाइकु संग्रह का पुस्तक 'हाइकु वाटिका है l जो माण्डवी प्रकाशन , गाजियाबाद से प्रकाशित हुई है l इसके संपादक हैं प्रदीप कुमार दाश 'दीपक ', सांकरा , रायगड (छ0 ग0) l  इसमें हाइकुकारों का परिचय , प्रश्नोत्तरी तथा हाइकु प्रकाशित की गई है l करीब इसमें 317 हाइकुकारों का हाइकु है l पृष्ठ 89 पर मेरा 8 हाइकु देखा जाय l
1) धुल में फूल ,कहीं फूल में धुल , जीने का मूल 2) सर्वत्र राम , फिर भी बदनाम ,अक्षर धाम 3) वेरोजगारी ,विकवा सकती है ,माँ औ बहनें 4)गंगा कावेरी ,से कम नहीं होती ,माँ की ममता 5) देवता से भी , बढकर है गुरु, धरती पर 6) आधुनिकता ,के पीछे है दीवाना ,सारा जमाना 7) दंगा फसाद, सिर्फ दे सकती है , दुःख तवाही 8) लोगों का धन ,पर नेता का मन ,है प्रजातंत्र l   

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें