शुक्रवार, 3 जून 2016

mukhiya jee suno..................

सब मुखिया बनै लेली,चललकै खूब दांव,
जे भी छलै लायक सब,जितलै वहे चुनाव। 
पहलके नांकी अबरी,होतै खूब विकास,
लोगो के बनाना छै,ई रं के विश्वास। 
भूली भूली अब द्वेष,बनवो सब सद्भाव,
तनिक्को नै आपस में,झलकै कहीं दुराव।
अंग के देहो से अब,छुटतै सभ्भे मैल ,
बिना नगड़ी मचोडने,हनहन करतै बैल। 
मौगी-मुन्सा मिली के, खोलो कुछ उद्योग,
अंजनी भी देतै अब,समय समय सहयोग। 
ई० अंजनी कुमार शर्मा 

रविवार, 8 मई 2016

माय (कविता अंगिका में )
माय के याद आवै छै
कहिने की हुनको विचार आरो प्यार
के उड़ाय देलके आधुनिकता के बयार
हुनको प्रेरक भाषा आरो निक्को काम
के करी देलके नई सोच ने बदनाम
गायब भे गेलै बच्चा सिनी के हाथ सें सिलोट
एँगना में नै झलके छै
माय द्वारा पाडलो खटिया पे अमोट
घरे में बने रहे जौ -बूट के सत्तू आरो लाय
कन्ने गेलै आवे बिलाय
माटी के हड़िया में बने रहे भात -दाल
काठ के ढक्कन
मिलवै रहे मिली के ताल पे ताल
सब चल्लो गेले पाताल
गम - गम करे छले राहड़ी के दाल
कहिने होय छों तोरा अब मलाल
संदूक में माय नुकाय के राखै तिलवा
सुना में अंजनी बनैते रहे हवा
देखो भन्सा से केना विदा होय रहलो छै तवा
हरी- घूरि कहिने खोजे छो दवा
जलखय में बैठले बैठले
मिली जाय दही-चूड़ा-भूरा
हसुआ के खदेड़ी देलके छूरा
माय त माय रहे
नै चलवे रहे छोलनी
खाली छूबी दै गमगमाय जाय कॉलनी
हमरो माय रहे मूर्ख
लेकिन सेनानी के मिले रहे पेंशन
रेल के पासो रहे
कथू के नै रहे टेंशन
हम्मे माय के चिंता की करवे
लेकिन माय जन्ने भी होते
हमरो चिंता जरूर करते होते। 

शुक्रवार, 6 मई 2016

सिंहस्थ में तूफ़ान ; बिज़ली -बारिश से तंबू उखड़े ,साधु सहित ७ की मौत।  बार बार धार्मिक स्थलों में ऐसा हादसा होता आया है फिर भी लोग  चेतते नहीं। भीड़बढ़ाने की जरुरत क्या है ?मरना कोई पुण्य कमाना तो है नहीं ?

शुक्रवार, 22 अप्रैल 2016

sharabbandi,,......,

 बिहार में शराब बंदी तो है पर उत्तरप्रदेश , नेपाल , झाड़खंड
सीमा पर शराब  दुकानें धड़ल्ले से खुल रही है। लइसेंस भी वहां की सरकार देने में कोई कोताही नहीं बरत रही। उनकी कमाई काफी बढ़ गई है और बिहारियों के दोहन का काम करने से नहीं  हिचकिचा रहे। उप्रदेश , नेपाल , झाडखंड सीमा पार करते हैं दोपहिया से और शराब पीकर लौट आते हैं लोग। बिहार से सटे राज्यों को भी समझना चाहिए की बिहारियों का लत बिगाड़  कर अपने प्रदेश का भला कर लेंगे ?सोच ऊपरउठाने का होना चाहिए न की सेहत बिगाड़कर लोगों को ख़राब करने का। बिहार का एक्का दुक्का लोग ख़राब होगा लेकिन आपका समाज ख़राब होगा। तब राज्य चलाना और सरकार का टिकना मुश्किलहो जायगा। नितीश ने अच्छा काम किया है तो आगे बढ़ेगा ही। लेकिन पियक्कड़  कोबढ़ावा दीजिएगा तो आपकी उलटी गिनती शुरू हो जाएगी। 
हेकड़ी दिखावै धूप , दोसरो तरफ दाल।
खरगोश नाकी दोनो , मारे छै उछाल।
मारे छै उछाल , गृहिणी पोछे पसीना।
अपसकुनिया भेलै , अप्रेल के ई महीना।
पृथ्वी दिवस भेलै , एक तरह सें नौटंकी।
अब जल बिना तरसै छै घरो के सब टंकी। 

रविवार, 10 अप्रैल 2016

भागलपुर के 15 प्रखंडों के एक मतदान  केंद्र का होगा लाइव प्रसारण। जिसमे तिलकपुर का प्राथमिक विद्यालय (६५) है। जहाँ मैं भी वोट डालूँगा। वेबकास्टिंग के तहत यहाँपर सी सी टी वी कैमरा लगेगा। और यहाँ से चुनाव की ऑनलाइन कहीं से मॉनिटरिंग हो सकता है। 

शनिवार, 2 अप्रैल 2016

नशाबंदी पर  ३ दोहे
ख़ुश होकर ओरतें अब , उड़ा रही है रंग ,
लगता है जैसे की , जीत गई है जंग।
महिलाओं की पहल पर. आया यह कानून ,
देसी न विदेशी बिका,अच्छा रहा सगुन ।
दारु से परेशान थी , महिला और समाज ,
करेगी अब खुलकर वह, घर का सारा काज ।

शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016

doha....

शराब बंदी पर पाँच दोहा .......
करोड़ो तक के शराब, होले कलतक नष्ट,
सुधरते नै बिहार जों, नै सुधारते भ्रष्ट |
लगलै देसी दारु पर, आजे से प्रतिबंध,
पियक्कड़ के मुहमा से, नै ऐतै कुछ गंध |
बिकते सिर्फ शहर में ही, अब विदेशी शराब,
नै चाहते सी एम की, बिहार हुवे खराब |
देसी दारु के अर्थी, निकलले धूमधाम,
महिला ब्रिगेड बंद के बाद करते आराम |
वोखे छै अब अंजनी, टुअर नाकी दारु वाज,
चोंधरेते खोजे में, दारु दूरदराज |

doha.

वर्ड कप 2016 पर कुछ दोहे
*********************
1-आउट हो गया भारत, जीत गया इंडीज .
जो बोया था जीत का, बना  हार  का बीज |
2-जपता था आदमी, गेल, गेल  बस गेल,
किया आउट ऑफ़ कोर्स, सिमंस ने सब फेल |
3-नो बॉल पर मिला कई, उसको जीवनदान ,
डाला इसने जीत का, भारत पर व्यवधान |

मंगलवार, 29 मार्च 2016

angikalok.....

अंगिका लोक की पत्रिका आज आई है जो प्रसिद्ध साहित्यकार गोपाल राय पर केंद्रित है। 

सोमवार, 28 मार्च 2016

cricket.....

हौवा बनकर रहेगा , जीरो होगा गेल
भारत का बल्लेबाज,ना होगा अब फेल 

शनिवार, 26 मार्च 2016

मुखिया जी होय गेले घोषणा
शुरू करी दहो लोगो के बोसना
चले दहो धुडछट मुर्गा
मतदाता ही छीके असली दुर्गा
पिये ले मार करे लागले दारु
सुखना, दुखना आरो कारू
आवे एक अप्रैल से कही नै मिलथों बोतल
देखी ले कहीं होटल
होते निक्को खानपान
तबे  होते गुणगान
एकाध कुटिया हमरो चखैहियो
खाली सुनैहियो नै ढकार
पिछला घोषणा नै होलो छै साकार
हम्मे की सबने देथों लताड़
उठेलो नी दुमहला मकान
दस-बीस कोठरी बनैले नी राखे लेली समान
पहलो पारी में ऐले सफारी
दोसरो पाली में ऐवे करते गाड़ी
तीसरा पाली में जहाज
खाली बनेने नी रखो सबके मिजाज
आवे भे गेले घोषणा
शुरू करी दहो बोसना। 
कल खेल में की होते, होते हमरो जीत।
ऑस्ट्रेलिया भी गैते , पाके नाकी गीत। 

शुक्रवार, 25 मार्च 2016

जुगाड़ गाड़ी अरु बोलबम
हम्मे छिकए जुगाड़ गाड़ीतोरे लेली सड़को पे छिये खाड़ी
धिया-पूता समेत जोंअजगैबी में रखने छो कदम
आवो! आवो! हो बम
रौदी-फौदी के नै करो गमजोगी-जोगी के रक्खो दम
रस्ता में देथोन काम
नै ते देभो पेटकुनिया पारीकांवर भी लगे लगथॉन भारी
हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
डरै के की बात छै
बिहार आवे थोड़े छै बदनाम
श्रावणी माह में यहे धरतीबनी जाय छै नेपाल,बंगाल,आसाम
चढलो रहे छै हर जगह हंडीआवे छै बसो में ठूसि केझारखंडी
बनी के लाट, ठाट-बाट सेंचलो जुगाड़ गाड़ी से घाट
लचकौवा कांवर खरीदी लेरस्ता में मिलथों हाटे हाट
पैसे हसोते में त रहै छै सबव्यापारीहम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
फांकने जा रस्ता में घुघनी-चाट
गंगा में डुबकी लगैथेठंडा होय जेथों ललाट
फुर्र होय जैथों थकानबोलबम करने पहुंची जा बाबा केदलान
चलवे करते रस्ता में भांग के गोलापार त लगैते तोरा भोला
गेडुवे वस्त्रों में झलके सब नर-नारीहम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
देखे की छो टुकुर टुकुर
सुरुजभगवान बरसाय रहलो छै आग
चि ल्का के मुहो से टपके छै झाग
बैठो दिल चापी के दिमाग नापी के
कोय नै लेने छै केकरो करम थूकी दहो सबठो शरम
पालथी मारी बैठो या चुकुमुकू या दहो टांग पसारी
हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
जुगाड़ माने जुगाड़ यहाँ कहीं न मिलथोंसुखाड़
बाबा नगरी में केना करवे चीट पकड़ी ले झटपट सीट
नै मिलथों टैम्पू नै बस निकली जैंथों घाट जाय में कस
एकरो सिवा कुछ नै छै चारा यहे छै एकमात्र सहारा
पहुँचैभों सबके पारा पारी हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
श्रावणी मेला में हरतरफ होय छै लूट
लेकिन बम सेवा लेली हमरा मिललो छै छूट
नै कोनो नंबर नै कोनो कर
सीना तानी के  दौड़े छिये थाना आरो सदर
खेत खलिहान ,चौक चौराहा जन्ने तन्ने लगाय दैछिये
नै करै छिये कोनो पहरेदारी हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी । 

बुधवार, 23 मार्च 2016

जय अंग जय अंगिका -----बिहार में शराब बंदी पर मुख्यमंत्री नितीश कुमार के रवैया एकदम साफ छै। पियै वाला के थोड़ो नाख़ुशी छै की ऐते दिन जेकरा सें दोस्ती रहै, बज्जर कानून अचानक आवि के धोंस दिखावे लगलै।देशी त बंद होवे करते अगला साल से अंग्रेजी शराब पर भी आफत। जहरीली शराब सें अगर मौत होय जयते त फाँसी के सजा के भी प्रावधान छै।  कथी ल तबे शराब पीवो कुत्ता काटने छै। नितीश त बिहार के उत्थान लेली ही करी रहलो छै। पीवी के सड़कों पे नंगा नाच करभो , पत्नी के मारभो, घर बर्वाद  करभो त बिहार केना आगू बढ़ते? ये लेली संभली जा शराब  के मानो ख़राब, तोय पीभो  बेटा पिथो फेरु पोत यानि जिनगी भर कलह ही कलह , शराब बंदी ही  करथों सुलह। तीन दोहा पे गौर करो -----
1 ) जे पोता के रात-दिन, बाबा करे बड़ाय,
पोता बोतल खाट से, झट लेलके चुराय।
2 )पीवी-पीवी करे छै, जे सड़को पे नाच,
एक अप्रेल से सरपट, करते कहाँ कुलांच।
3 )रातो-दिन पीये लत, जेकरो छै ख़राब,
वोकरा देखी-देखीं, हँसते खूब शराब।
अo अंजनी कुमार शर्मा , ब्लॉक रोड सुल्तानगंज, भागलपुर -813213 , मो 0 7549599367