शुक्रवार, 25 मार्च 2016

जुगाड़ गाड़ी अरु बोलबम
हम्मे छिकए जुगाड़ गाड़ीतोरे लेली सड़को पे छिये खाड़ी
धिया-पूता समेत जोंअजगैबी में रखने छो कदम
आवो! आवो! हो बम
रौदी-फौदी के नै करो गमजोगी-जोगी के रक्खो दम
रस्ता में देथोन काम
नै ते देभो पेटकुनिया पारीकांवर भी लगे लगथॉन भारी
हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
डरै के की बात छै
बिहार आवे थोड़े छै बदनाम
श्रावणी माह में यहे धरतीबनी जाय छै नेपाल,बंगाल,आसाम
चढलो रहे छै हर जगह हंडीआवे छै बसो में ठूसि केझारखंडी
बनी के लाट, ठाट-बाट सेंचलो जुगाड़ गाड़ी से घाट
लचकौवा कांवर खरीदी लेरस्ता में मिलथों हाटे हाट
पैसे हसोते में त रहै छै सबव्यापारीहम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
फांकने जा रस्ता में घुघनी-चाट
गंगा में डुबकी लगैथेठंडा होय जेथों ललाट
फुर्र होय जैथों थकानबोलबम करने पहुंची जा बाबा केदलान
चलवे करते रस्ता में भांग के गोलापार त लगैते तोरा भोला
गेडुवे वस्त्रों में झलके सब नर-नारीहम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
देखे की छो टुकुर टुकुर
सुरुजभगवान बरसाय रहलो छै आग
चि ल्का के मुहो से टपके छै झाग
बैठो दिल चापी के दिमाग नापी के
कोय नै लेने छै केकरो करम थूकी दहो सबठो शरम
पालथी मारी बैठो या चुकुमुकू या दहो टांग पसारी
हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
जुगाड़ माने जुगाड़ यहाँ कहीं न मिलथोंसुखाड़
बाबा नगरी में केना करवे चीट पकड़ी ले झटपट सीट
नै मिलथों टैम्पू नै बस निकली जैंथों घाट जाय में कस
एकरो सिवा कुछ नै छै चारा यहे छै एकमात्र सहारा
पहुँचैभों सबके पारा पारी हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी
श्रावणी मेला में हरतरफ होय छै लूट
लेकिन बम सेवा लेली हमरा मिललो छै छूट
नै कोनो नंबर नै कोनो कर
सीना तानी के  दौड़े छिये थाना आरो सदर
खेत खलिहान ,चौक चौराहा जन्ने तन्ने लगाय दैछिये
नै करै छिये कोनो पहरेदारी हम्मे छिकये जुगाड़ गाड़ी । 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें