- अभी अभी घाट से आ रहे हैं,एक भाभी(सच्चितादा की पत्नी)की लाश को जलाकर। घर,गोतिया,गांव,कर कुटुम और आस पास के लोगों को मिलाकर 150 से कम नहीं था घाट पर जो लाश को जलाने में मशगूल थे या सहयोग की भावना से अंतिम समय तक पालथी मारकर बैठे थे बालू के टीले पर। इसी को कहा जाता है 'last right of human body'. ght
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