मंगलवार, 24 अक्तूबर 2017

kharna....

शुरु भे गेलै नहाय-खाय से अनुष्ठान।
मनोवांछित फल देतै, तब्बे रवि भगवान।
तब्बे रवि भगवान, जुटवै लागलै जरना।
आस्था के ही साथ, मनैते औरत खरना।
नै कोय मंदिर नै कर्मकांड छै निभाना।
सूपो में ठेकुआ, लडडू, फल छै चढ़ाना।   

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें