रविवार, 26 अगस्त 2012

anna aur ramdev-----------

अन्ना और रामदेव , हैं वो सच्चे भक्त
बहती उनके रगों में , मातृभूमि का रक्त
मातृभूमि का रक्त ,खा रहे हैं क्यों लाठी
मस्ती में जी रहे , पर मदेरणा -त्रिपाठी
कांडा पर क्यों नहीं , तू कसते हो सिकंजा
भद्र इंसानों पर , दिखाते रहते  पंजा

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