बुधवार, 22 जनवरी 2014

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वो (कांग्रेस) इसलिए चिल्ला रहे हैं कि उनकी 60 साल की सत्ता हाथों से
फिसल रही है। ये (भाजपा) इसलिए चिल्ला रही है कि इस बार उन्हें सत्ता
हासिल हो रही थी,लेकिन आम आदमी पार्टी उसे लगातार सत्ता से दूर धकलती हुई
नजर आने लगी है। भाजपा के कांग्रेस से इतना डर नहीं लग रहा है जितना आम
आदमी पार्टी की लगातार बढ़ रही लोकप्रियता से लग रहा है। कांग्रेस और
भाजपा दोनों ने ही सत्ता का देश में ऐसा आभा मंडल कायम कर दिया कि आम
आदमी को लगने लगा कि नेता को सबकुछ (भ्रष्टाचार, बेईमानी) करने का अधिकार
है। यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल जी की सादगी, इमानदारी और आम आदमी
होने की छवि और उस पर आम आदमी की ही तरह से काम करने की शैली ने कई
प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों तक को हिला रही है। आप के देखा देखी चाहे
राजस्थान हो या मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ हो या महाराष्ट्र, सबके सत्ताधारी
दल अब जनता के बीच जाने, सस्ती बिजली, पानी देने की योजनाएं बनाने में
जुटे हुए हैं। कोई इन से पूछे की भई इतने सालों तक कहां गए थे, तब जनता
उन्हें याद नहीं आई। अब अचानक यह जनप्रेम उनमें कैसे उमड़ रहा है। नेताओं
को दोगलापन देखा, सुना,लेकिन इतना गिरा हुआ होगा यह आम आदमी पार्टी ने
बताया कि अब तक देश में शासन करने वाले लोग निहायत ही गैर जिम्मेदाराना
तरीके से आम जनता को बेवकूफ बना रहे थे। अब जबकि उनकी पोल खुलने लगी है
तो पूरी राजनीतिक जगत में भगदड़ मची हुई है। अब सब भेड़िये मिलकर एक शेर
का शिकार करने पर तुले हुए हैं, लेकिन वो यह नहीं जानते कि भेड़िये कभी
भी शेर का शिकार नहीं कर सकते, अलबत्ता अपनी खीज मिटाने के लिए सब मिलकर
हुआं, हुआं चिल्ला सकते हैं, जैसे की दो दिनों से मीडिया में कांग्रेस और
भाजपा अरविंद भाई के धरने को लेकर चिल्ला रहे हैं।

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