शुक्रवार, 8 दिसंबर 2017

garmagaram...

जेना चाय होय छै गरम गरम.
वोने प्रचार भी पहुँचलै चरम,
नै देखलकै बात नरम नरम,
खोय देलकै सबने ही शरम,
आखिर नेता
के यहे नी छिकै झूठा धरम,
वहे नी बैठते गद्दी पे
जेकरो बढ़िया रहतै करम। 


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