शनिवार, 1 सितंबर 2012

gandhi jee----------

गाँधी जी के देश में .बंदर थे ये तीन
घोटाले के बन गए ,सब के सब शौक़ीन 
सब के सब शौक़ीन, सेकुलर का गुण गाते
जिसकी आड़ में ही , खाते और खिलवाते
अब तो यही बंदर , कर रहे हैं नौटंकी
बंदर से छुछांदर , फिर हो गए ये मंकी 

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