बंगाल में शुरू से डरा धमका कर और डंगा डंगा कर वोट लिया जाता है। इसकी शुरुवात ज्योतिबसु ने की थी और शासन में रहने का रिकॉर्ड भी बनाया था। इनका ही चेला लालू जी बन गए थे। बंगाल शुरू से ही बुद्धिजीवि राज्य रहा है,समझदार लोग रहते हैं वोट सोच समझकर देंगे। तो सरकार बचेगी कैसे ?परंपरा का निर्वाह ममता भी कर रही है तो गलत क्या है। लठैत के रूप में बांग्लादेशी को भर ही दिया गया बंगाल में तो कब काम आएगा, वोट वाट के दिन ही ना। लेकिन किसी प्रकार जीतने से ममता का क्रेडिट बनता है न। हवाई चप्पल के बदले ममता लाख टके का चप्पल पहने लेकिन बंगाल के हीत में काम करे वह अच्छा है।
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