जुकरबर्ग ने सबके हाथों में एक बेहतरीन खिलौना दे दिया है। यह एक दूसरे को जोड़ता है ,लिखने पढ़ने की कला सिखलाता है ,ज्ञान का भंडार बढ़ाता है,जिससे आप सोच भी नहीं सकते हैं उससे मिलवा देता है ,अपनी बात दूसरों को आसानी से पहुंचा सकते है कम खर्चे में। यह तो विशाल स्टोर का किला है जिसमे वर्षों तक आपकी रचनाएं या कोई महत्वपूर्ण सामग्री सुरक्षित रहती है। न तो दीमक के खाने का डर न तो साफ-सफाई की जरुरत न तो चोरी होने का। इसका खौफ आतंकवादियों में भी कम नहीं है। विश्व का कौन सा ऐसा देश है जिनके राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री फेसबुक का अनुसरण नहीं करते हैं। हम तो सीना तान कर कहेंगे वर्तमान में अभी जुकरबर्ग बहुत बड़ा वैज्ञानिक है, अगर पूरा विश्व एक देश होता तो निश्चित रूप से उसका प्रधानमंत्री जुकरबर्ग है।
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