बुधवार, 20 जून 2012

champa fule dare dar

अंगिका साहित्य में सबसें समृद्ध विधा काब्य विधा छै l यै विधा के ही सर्वाधिक पुस्तक प्रकाशित भी छै ,फिर भी ई संग्रह के आवश्यकता महसूस भेलै l 'पंचशील 'के पाँच संस्थापक सदस्य अमरेन्द्र ,अनल ,अंजनी आरो दिनेश बाबा के साथ साहित्यिक चर्चा भेलै l अंजनी कुमार शर्मा ने किताब के नाम 'चंपा फूलै डारे डार 'सबके बीच रखलके l ध्वनिमत से सबने नाम पर सहमती देलकै l अनिल शंकर झा के संपादन में किताब छपले l जे आपने के सामना में छै l यै में पुरनका आरो नैका मिलाय के कुल 69 रचनाकार छै आरो पृष्ठ 158 छै l सुंदर छपाई के साथ साफ -सुथरा छै l  संयोग छिके की यै में तिलकपुर गाँव के चार रचनाकार छै l राजेंद्र प्रसाद सिंह ,दयानंद शर्मा, अंजनी कुमार शर्मा आरो शेषाद्री l ई किताब पीजी अंगिका बिभाग (भागलपुर विश्वबिद्यालय )में कोर्से में चलै छै l     

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें