रविवार, 15 अप्रैल 2018

jain saheb...

बोली में मिठास
नजर आता था
जिसमें हास-परिहास
बहुत नेक था विचार
छोटे-बड़े से करते थे
एक जैसा व्यवहार
अंग के लाल
जिनको था अंग से प्यार

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